इमाम अली (अ) और आयते ततहीर
  • शीर्षक: इमाम अली (अ) और आयते ततहीर
  • स्रोत:
  • रिलीज की तारीख: 18:45:48 20-9-1404




हज़रत अली (अ) का शान में आयते ततहीर नाज़िल हुई है चुँनाचे ख़ुदा वंदे आलम का इरशाद है:

(सूरह अहज़ाब आयत 33)

ऐ (पैग़म्बर के) अहले बैत, ख़ुदा तो बस यह चाहता है कि तुम को हर तरह की बुराई से दूर रखे और जो पाक व पाकीज़ा रखने का हक़ है वैसा पाक व पाकीज़ा रखे।

मुस्लिम बिन हुज्जाज अपनी मुसनद के साथ जनाबे आयशा से नक़्ल करते हैं कि रसूले अकरम (स) सुबह के वक़्त अपने हुजरे से इस हाल में निकले कि अपने शानों पर अबा डाले हुए थे, उस मौक़े पर हसन बिन अली (अ) आये, आँ हज़रत (स) ने उनको अबा (केसा) में दाख़िल किया, उसके बाद हुसैन आये और उनको भी चादर में दाख़िल किया, उस मौक़े पर फ़ातेमा दाख़िल हुई तो पैग़म्बर (स) ने उनको भी चादर में दाख़िल कर लिया, उस मौक़े पर अली (अ) आये उनको भी दाख़िल किया और फिर इस आयते शरीफ़ा की तिलावत की।

(आयते ततहीर)

(सही मुस्लिम जिल्द 2 पेज 331)